""उराठ""
उसलाई सधै माया दिन सकू
उसकेई भयर जीबन भर बाचन सकू
सधै उसको मायामा रम्न सकू

फूल भयर फुल्छिं उनी उड़ने भवरा बन्न सकू
सुगन्धित बासना छार्छिन उनी तितली बनेर सुगंध लीं सकू
बसंतमा मुस्कायर हास्छिं उनी पालुवा भयर हरियाली छर्न सकू

उनकै जीबन भरी हरियाली छर्न सकू
सधै उसको भयर बाचन सकू!!!!!
उस्कै मन मन्दिरमा बॉस बसन सकू
उनी बिर्सिदियर गईं भने पनी
बिबस भयर उराठ हासो हास्न सकू
कुहिरोले ढाकेको त्यों उजाड़ गाऊलाइ
उनकै नाउले चिनाउन सकू
प्रेम गर्ने पागल हरुकोलागी
यौटा संदेश छर्न सकू
उसकेई भयर जीबन भर बाचन सकू !!!!!

लेखक
टेक लाल खनाल
अबू धाबी




1 comment:

Anonymous said...

Namaskaram,
Aaja malai kehi kura korunh jastoh lagcha, Aaja malai kehi kura bhanu jastoh lagcha. Tapai yo blog lai dherai thokdai basnush hai tah!!!

Tapai ko pyaro
Tyapey Bhai